इंजिनियर की मस्त बीवी

इंजिनियर की मस्त बी
इंजिनियर की मस्त बी

यह वो समय था जब मैंने पढाई ख़त्म की थी और नौकरी की तलाश में लगा था. जेब खर्च के लिए मुझे छोटे-मोटे काम करके पैसे कमाने पड़ते थे. मेरे दोस्त- अनवर,रणबीर और दिलावर building construction कंपनी में काम करते थे. वे ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे और काम के बाद हमेशा सेक्स की बातें करते थे. वे हमेशा एक दुसरे से share करते थे की कैसे उन्होंने अपने साथ काम करने वाले लड़कियों को चोदा. मैंने उस समय तक कभी सेक्स नहीं किया था और मैं उनकी बातें सुनकर बहुत उत्तेजित हो जाता था. 

कुछ दिन बाद मेरे दोस्तों ने मुझे बताया की उन्हें नया काम मिला है उनके इंजिनियर के घर का 2nd floor बनाने का. मेरे दोस्त कभी भी इंजिनियर के घर पे नहीं गए थे. वे ऑफिस में मिला करते थे और काम की details लेकर काम करने निकलते थे. यह पहला समय था जब वो इंजिनियर के घर गए . और जब शाम को जब हम सब मिले तब सभी इंजिनियर की बीवी की बात कर रहे थे. सब उसकी बीवी को सोच कर बाथरूम में बारी बारी से जाकर मूठ मार रहे थे. अनवर ने कहा - "क्या माल है यार उसकी बीवी!!" रणबीर उसकी tight गांड की बड़ाई कर रहा था, दिलावर बोल रहा था की साली के होठ कितने रसीले है. मन करता है उसके मुंह में लंड डालकर खूब चोदु. उनकी बातें सुन सुन कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था. इंजिनियर की बीवी का नाम शिल्पा था. मेरे दोस्तों की उसकी बारें में गरम गरम बातें सुनकर मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था. मन कर रहा था की काश अभी मैं उसे चोद पता. लंड को समझाना मुश्किल होता जा रहा था. मुझे उसे देखने की जल्दी थी सो अगले दिन मैं भी दोस्तों के साथ इंजिनियर के घर गया. मेरे दोस्तों ने इंजिनियर को पहले ही बता दिया मेरे बारे में. जब मैंने पहली बार उसकी शिल्पा को देखा तो मैं बस देखता ही रह गया.


 पूरी भारतीय नारी थी वो. 
एकदम गोरा चेहरा. रस भरे होंठ जिन्हें देखकर किसी का भी मन करे अपना लंड उसके मुंह में डालकर छोड़ने का. चूची का साइज़ ३६ से कम नहीं था. हालाकि उसने blouse को साड़ी के पल्लू से ढाका तो था लेकिन किनारे से उसके बूब्स नजर आ ही जा रहे थे. बिलकुल गोल और नुकीली दूध भरी चूचियां . उन्हें देखकर मेरे मूंह में पानी आ रहा था . 
और अब बात करें शिल्पा की मस्त गांड का. कसम से ऐसी सेक्सी गांड मैंने पहले कभी नहीं देखी थी. 38 साइज़ की एकदम गोल मटोल. मेरी तो निगाहें वहीँ पे जम गयी थी. पता नहीं क्यूँ उसे देखकर ऐसा महसूस हो रहा था की उसकी गांड एकदम कुंवारी होगी. उसके चूतर एक दम पहाड़ की तरह ऊँचे , कसे हुए और दोनों चुतरों के बीच की लाइन बिलकुल clear थी. मैं शिल्पा की भरी जवानी को अपने आँखों से पी ही रहा था की इंजिनियर साहब आ गए. 
मुझे देखकर उन्होंने पूछा - "क्या तुम ही वो नए लड़के हो? " 
मैंने कहा - "हाँ !" 
फिर इंजिनियर साहब ने मुझे काम के बारे में थोडा समझाया और मुझे मन लगाकर काम करने को कहा. 
मैंने उन्हें कहा की मैं खूब मेहनत करूँगा. उस वक़्त मेरे दिमाग में शिल्पा को चोदने का ख्याल आ रहा था और मेरा लंड बिलकुल खड़ा था. मैंने बड़ी मुश्किल से उसे एक हाथ से छुपा रखा था. 
कुछ देर बाद इंजिनियर साहब अपने ऑफिस के लिए निकल पड़े. घर में और कोई नहीं था सिवाय शिल्पा के. तभी मैंने ये तय कर्र लिया की आज कुछ भी हो शिल्पा की भरी जवानी का रस पीना है. 
मैंने अपने तीनो दोस्तों से इसके बारे में पूछा तो वे झट से राजी हो गए. 
मैंने देखा की शिल्पा अपने पति को घर से ऑफिस के लिए विदा कर हमारे कमरे की तरफ चाय लेकर आ रही थी. फिर उसने हम सब को चाय का प्याला पकडाया. जैसे ही वो चाय देने को झुकी मुझे उसकी मस्त चुचियों को नजदीक से देखने का मौका मिला. क्या साइज़ था उन दो दुधिया गोलायिओं का. मुझे चाय की जगह उनके दूध को मुंह से लगाकर पीने का मन कर रहा था. 
फिर जब वो जाने के लिए पलटी तो उसकी कातिलाना गांड हम सब के दिलों पे छुरियाँ चला गयी. मन कर रहा था अभी उसके चुतारों को पकड़ के मसल दूं. 
जैसे ही वो गयी मैंने रणबीर को दरवाज़े के पास भेज दिया और कहा की जब वो चाय की प्यालियाँ लेने वापस रूम में घुसेगी तो तुम तुरंत दरवाज़ा बंद कर देना. 
सभी अपने अपने लंड हाथ में लेकर शिल्पा के आने का इंतज़ार करने लगे. कुछ देर बाद जैसे ही शिल्पा आई रणबीर ने तुरंत दरवाज़ा अन्दर से बंद कर दिया और और पीछे से शिल्पा को पकड़ लिया और उसके मुंह को दबा दिया. यह सब इतनी तेजी से हुआ की उसे कुछ भी समझ नहीं आया. वो चिल्लाना चाहती थी थी लेकिन मुंह बंद होने के कारण उसकी आवाज नहीं निकल पा रही थी. अब मैं और सारे दोस्त शिल्पा को घेरे खड़े थे और अपने अपने लंड सहला रहे थे. रणबीर एक हाथ से उसकी दायीं चूची को मसल रहा था और उसका लंड शिल्पा की कसी हुई मांसल गांड को सलामी दे रहा था. अनवर खुद को रोक नहीं पाया और वह शिल्पा की चूत को साड़ी के ऊपर से ही मसलने लगा.
मैंने सबको कुछ देर वेट करने को कहा और शिल्पा को चाकू दिखाते हुए कहा - "हम तुम्हारी चुचियों और गांड के दीवाने हो गए है और अभी से लेकर शाम तक तुम्हें चोदेंगे. अगर किसी से तुमने कभी भी इसके बारे में कुछ कहा तो तुम्हारी चुदाई की विडियो जो हम अभी शूट करने वाले है उसे सारी दुनिया देखेगी. इसलिए भलाई इसी में है की तुम भी चुदाई का मजा लो वर्ना हम लोग तुम्हें और भी तकलीफ देंगे." 
मैंने चाकू उसके मुंह के पास रखा और रणबीर को उसे छोड़ देने को कहा. मैंने पहले ही उसे धमका रखा था की अगर चिल्लाई तो अच्छा नहीं होगा. मुंह खुलते ही उसने कहा की ये सब क्या कर रहे हो मैं अपने husband को बताकर सबको अन्दर करवा दूंगी. मैंने उससे फिर कहा की हमें जबरदस्ती करने पे मजबूर न करें वर्ना उसे बड़ी तकलीफ होगी और हमें और मजा ही आयेगा. लेकिन उसने बिना सुने चिल्लाना शुरू कर दिया . एक झटके में मैंने उसके मुंह को अपने मुंह से बंद कर दिया और उसकी गुलाबी होठों को जोर जोर से चूसने लगा. उसने बहुत कोशिश की अपने सर को घुमाकर मेरी पकड़ से निकलने की लेकिन सफल नहीं हुई. मेरे हाथ उसकी कमर और नाभि को सहला रहे थे. मैंने अनवर को हाथ से इशारा किया और उसने मोबाइल से विडियो शूट करना शुरू कर दिया. शिल्पा के चेहरे पर घृणा के भाव थे और उसकी आँखें रो रो कर लाल हो गयी थी जो की मुझे मेरे लंड को और भी hard बना रही थी. रणबीर एक हाथ से उसकी गांड को masal रहा था और दुसरे हाथ से अपने लंड को हिला रहा था. दिलावर ने उसकी चोली में हाथ दाल दिया था और उसकी चूची को बेदर्दी से मसल रहा था. 
करीब 15 मिनट तक ऐसे ही मैं उसकी होठों का रस पीता रहा. जैसे ही मेरी पकड़ थोड़ी ढीली हुई उसने एक झटके में खुद को मुझ से अलग कर लिया और दरवाज़े की तरफ भागने लगी. इस भाग-दौड़ में उसकी साड़ी का पल्लू दिलावर के हाथ में आ गया और साड़ी उसके बदन से अलग हो गयी. मैंने तुरंत दरवाज़े के पास पहुच कर उसका मुंह बंद कर दिया .......

..... to be continue.....


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